प्रधानमंत्री ने गुजरात में जल संचय, जन भागीदारी पहल की शुरुआत कर दी है। प्रधानमंत्री वर्चुअली कार्यक्रम से कनेक्ट हुए। कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि ‘यह बेहद अहम पहल है, जिसकी गुजरात की धरती से शुरुआत हो रही है। जल शक्ति मंत्रालय ने इस पहल की शुरुआत की है। दिनों में देश के हर कोने में भारी बारिश से तबाही जारी है। देश को कोई हिस्सा ही शायद होगा, जिसने इस प्राकृतिक आपदा की वजह से संकट न सहा हो।
इस बार गुजरात को भी भारी संकट का सामना करना पढ रहा है। हमारी सारी व्यवस्थाओं में भी इतनी क्षमता नहीं है कि इस प्राकृतिक आपदा की घड़ी में हमारी मदद कर सकें, लेकिन गुजरात के लोगों और अन्य देशवासियों में ये आदत है कि संकट की घड़ी में सभी कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हो जाते हैं।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘जल संरक्षण सिर्फ एक नीति नहीं है बल्कि यह एक प्रथा है। जब भावी पीढ़ियां हमारा आकलन करेंगी तो हमारा जल के प्रति जो रवैया है, उसका भावी पीढ़ी सबसे पहले आकलन करेंगी। यह जीवन-मरण का सवाल है और यह मानवता के भविष्य का सवाल है। उन्होंने कहा कि हमने सतत विकास के लिए जिन नौ संकल्पों को सामने रखा है, उनमें जल संरक्षण पहला संकल्प है।”