राज्य में एक बार फिर वन्यजीव तस्करों ने आतंक मचाना शुरू कर दिया है । उत्तराखंड एसटीएफ, वन विभाग और हरिद्वार पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। संयुक्त टीम ने हरिद्वार के श्यामपुर से तीन वन्यजीव तस्करों को गिरफ्तार कर लिया। जिनके कब्जे से दो हाथी दांत बरामद हुए है। बरामद दोनों दांत का वजन 14 किलो है, जिनकी मार्केट वैल्यू लाखों में बताई जा रही है। श्यामपुर
थाने में प्रेस कांफ्रेंस कर पूरे मामले का खुलासा किया गया। सीओ एसटीएफ आरबी चमोला ने बताया कि आरोपियों को गिरफ्तार करने में वन विभाग रुद्रपुर और श्यामपुर थाना पुलिस का सहयोग लिया गया। हाथी दांत की तस्करी का इनपुट मिलते ही टीम अलर्ट हो गई। तीनों तस्कर दातों को किसी बाहर की पार्टी को बेचने वाली ही थी कि उससे पहले ही तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया।
वन्यजीव तस्करी का मॉनसून सीजन में रहता है सबसे ज्यादा खतरा
वहीं मॉनसून सीजन के दौरान सबसे ज्यादा वन्य जीव तस्करी की घटनाएं घटती हैं । पहाड़ों के साथ-साथ मैदानी क्षेत्रों में वन्य जीव तस्कर जंगलों में घुसने की फिराक में रहते हैं। भले ही राज्य वन महकमा इन दोनों अलर्ट मोड में हो, मगर यह वन्य जीव तस्कर आधुनिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर वन कर्मियों को भी मात दे देते हैं। पूर्व में भी कई बार एसटीएफ ने वन्य जीव तस्करों को पकड़ कई तस्करी की घटनाओं का खुलासा किया है, मगर उसके बावजूद भी तस्करी की घटनाएं कम नहीं हो रही हैं वन्ही इस घटना में सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर वन्य जीव तस्करों ने किस वानप्रभाग में इन घटनाओं को अंजाम दिया । सूत्रों की माने तो एसटीएफ द्वारा जो वन्य जीव तस्कर गिरफ्तार किये गए हैं उनके पूर्व में भी आपराधिक रिकार्ड रहे है। इन तीनों अंतर्राष्ट्रीय वन तस्करों में जितेंद्र सैनी नाम का वन तस्कर वर्ष 2017 में हरिद्वार वन प्रभाग द्वारा वन अपराध में जेल भी भेजा गया था । वही इस प्रकरण के बाद एसटीएफ के साथ ही उत्तराखंड वन महकमें को गंभीरता से मंथन कर उन सभी पहलुओं की जांच करनी होगी जिनके तार इन वन्य जीव तस्करों से जुड़े हुए हैं। नहीं तो ऐसी घटनाएं बार-बार प्रकाश में आती रहेगी।