कानपुर मंडल में महज 23 दिन में एक के बाद एक हुई रेल ट्रैक पर घटनाएं किसी बड़े षड्यंत्र की तरफ इशारा दे रहीं हैं। साथ ही हर असफल घटना के बाद अगली घटना भी बड़े खतरे के संकेत भी हो सकती है। गौरतलब है कि कालिंदी एक्सप्रेस को डिरेल करने की नाकाम कोशिश से पहले भी कानपुर मंडल से गुजरने वाली ट्रेनों को निशाना बनाया गया है। हाल ही में फर्रुखाबाद में कासगंज-फर्रुखाबाद एक्सप्रेस लकड़ी के टुकड़े से टकराई थी लेकिन जांच एजेंसियों से लेकर रेलवे प्रशासन में किसी ने भी इसे किसी साजिश के तौर पर मानने से आधिकारिक तौर पर इनकार कर दिया।16 अगस्त की रात पनकी के नजदीक साबरमती एक्सप्रेस के सामने ट्रैक पर एक और पटरी रखकर बड़ा हादसा करने की कोशिश हुई थी। घटना के दौरान ट्रेन की 22 बोगियां डिरेल भी हो गईं लेकिन कोई हताहत नहीं हुआ। रविवार रात हुई घटना में रेलवे की ओर से पहले ही साफ कर दिया गया है कि संचालन में कोई लापरवाही नहीं। जांच अधिकारियों का मानना है कि इन हादसों के पीछे कोई मास्टर माइंड है जो सामान्य तरीकों से बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए बार-बार प्रयास कर रहा है।